Friday, January 2, 2009

खोखली मान्यताओं से भरा २१वी सदी का भारत



हमारे इस समाज मे कई तरह की मान्यताये है अनेक जाती धरम की अनेक मान्यताये है
लकिन हमारे हिन्दु समाज मे तो इतनी मान्यताये है की शायद अगर हम सबको मानने लगे तो आज के इस भागदौड़ के जींवन मे हम रुक से जाए
अगर बिल्ली रास्ता काट देती है तो आगे मत जन वरना बुरा होगा
यदि किसी को ऑफिस जाना है तो क्या वो ऑफिस जाना बंद कर दे अगर बिल्ली रास्ता काट देती है या
अगर भ्रस्पति वार है तो बाल और दाढ़ी मत बनाना नही तो बुरा हो जाएगा
यदि किसी को इंटरव्यू देने जाना है तो वो अपना कैरियर ख़राब कर दे इन सब मान्यताओ की वजह से

आज दिशा शूल लगा है तो उस तरफ़ सफर मत करना नही तो बुरा हो जायेगे
यदि किसी की माँ या बाप की मौत हो जाए तो भी वह क्या दिशा सुल देखे गा ??

कभ किसी ने देखा है ये सब कर के की कितना बुरा होता है या भला होता ???


आज शनिवार है आज लोहा मत खरीदना वरना फले गा नही
मैंने अपना टीवी और फिर्ज़ शनिवार को ख़रीदा था जो आज तक सही चल रहा है


हिंदू समाज में यदि शादी के गुण मिलते है तभी रिश्ता पक्का होता है जितने ज्यादा


गुण मिलते है उतना रिश्ता लंबा चलता है लकिन जाके उनसे पूछिए जिनकी शादी


के १ या २ साल में ही उनके जीवन साथी अलग हो जाते है या फिर किसी की मौत


हो जाती है क्या उन्होंने कुंडली नही मिलायी होगी या गुण नही मिलवाए होंगे क्या


हमारे जीवन की डोर किसी पंडित के हाथो में है ?


क्या किसी ने कभी उसी पंडित से पुछा है की उसकी जीवन की उमर क्या है या कल उसके साथ क्या होगा ????


अगर लड़की मांगलिक है तो किसी मांगलिक लड़के से ही उसकी शादी होगी अगर


किसी और लड़के से उसकी शादी करदी तो लड़के की मौत हो जायेगी ये भी उसी


पंडित का कहना है जो कुंडली मिला के लोगो के २५ गुण मिल्वाके उनकी शादी


करवाते है और फिर शायद लड़का लड़की कभी नही मरते है और न ही कभी उनके


बीच तलाक होता है और न ही कभी अलग होते है क्या हमारी ज़िन्दगी हमारी नही


है एक पंडित की देन है अगर वो कहे तभी हम शादी करे नही तो हम उमर भर


कुवारे रह जाए ???


क्या बिहार में बाढ़ में और गुजरात में भूकंप में मारे गए शादी शुदा लोगो ने अपनी


कुंडली के २६ गुण नही मिलवाए थे या उनमे कोई पंडित नही था जिसे अपना


भविष्य नही मालूम था क्या होटल ताज में मारे गए बेकसूर लोगो ने अपना भविष्य


देखा था की किस तरह से उनकी मौत होगी या उन्होंने भी अपनी कुंडली पंडित को


नही दिखवाई होगी वरना शायद पंडित उन्हें बचा लेते


क्या कभी इन सब मान्यताओ को मानने वाले लोगो ने हिंदू समाज से हट के किसी


और समाज या धर्म के लोगो को अपनी ज़िन्दगी जीते हुए देखा है


क्या मुस्लिम धर्म के लोगो में गुण मिलवाया जाता है क्या उनकी शादी भी बिना गुण मिलाये आगे सफल नही होती है ??


शायद अगर आज भारत किसी वजह से और देशो से पीछे है तो उसका सबसे बड़ा कारण ये खोखली मान्यताये भी है




3 comments:

विवेक सिंह said...

सच बयान किया जी !

Rahul Rathore said...

ठीक है भाई , लेकिन अब इतना सब कुछ कहाँ रहा ? ये सिर्फ़ कुछ गाँव तक रह गया है ! दुनिया बदल चुकी है ,अब हमे भी आगे देखना है ,पर अपनी सभ्यता और परम्परायों से ....

Unknown said...

manna to koi bhi nahi chahta lekin kuchh majbooriyan aisi hoti hain jinke aage har ek insaan vivash hai aise me ye insaan ki hi vivashta hoti hai ki vo na to un majbooriyon ko kisi ko bata sakta hai aur na hi unko chod sakta hai bhale hi iski keemat usko kisi khas se bhechud kar chukani pade