ZINDAGI SE MULAKAT
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तुम्हारा इंतज़ार
तेरे आने के बाद
भीगी भीगी सी पलके
पल
तुम्हारी परछाई
तुम्हारी आँखे
तेरी चाहते
About Me
MAYANK
एक दिन जिंदगी से मुलाकात हो गई और फ़िर क्या था लिखने की आदत पड़ गई मे एक आम इन्सान हु और मेरा जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद है सबको हसना और खुश रखना बस इस आम इन्सान के ब्लॉग मे आप लोगो का स्वागत है
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Thursday, August 28, 2008
पल
पल ऐसा था की हम इंकार न कर पाये,
ज़माने के डर से इकरार न कर
पाये,
न थी जिनके बिना ज़िन्दगी मुनासिब,
छोड़ दिया उन्होंने और हम सवाल न कर पाये...
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