
तुमसे मिलने के पल का इंतज़ार सताने लगा है,
बेकरार दिल को अब करार आने लगा है,
कैसा होगा वो पल, वो हालत-ऐ-तबियत,
ये सोच का ही अब दिल घबराने लगा है,
कुछ ऐसा करना की सुकून मिल जाए मुझे,
कई सपने अब ये मन सजाने लगा है,
तेरी नजदीकियां धड़कन चुरा न ले मेरी,
हर पल अब मरने का डर समाने लगा है,
कब आएगा वो पल, इंतज़ार हो नही पता,
हर जाता पल सदियों सा नज़र आने लगा है